भारत का 39वाँ व 40वाँ विश्व धरोहर स्थल: रुद्रेश्वर मंदिर तथा धोलावीरा सभ्यता

 

        भारत का 39वाँ व 40वाँ विश्व धरोहर स्थलरुद्रेश्वर मंदिर तथा धोलावीरा सभ्यता

        भारत का 39वाँ विश्व धरोहर स्थल: रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर)

·   तेलंगाना के मुलुगु ज़िले में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता हैको यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है।

·     रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था। 

·         यहाँ के स्थापित देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं। 

·         40 वर्षों तक मंदिर निर्माण करने वाले एक मूर्तिकार के नाम पर इसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। 

·        मंदिर छह फुट ऊँचे तारे जैसे मंच पर खड़ा है, जिसमें दीवारों, स्तंभों और छतों पर जटिल नक्काशी से सजावट की गई है, जो काकतीय मूर्तिकारों के अद्वितीय कौशल को प्रमाणित करती है।

·        इसकी नींव "सैंडबॉक्स तकनीकसे बनाई गई है, जिसमें फर्श ग्रेनाइट पत्थरों से है और स्तंभ बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित हैं।

·     मंदिर का निचला हिस्सा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है जबकि सफेद गोपुरम को हल्की ईंटों से बनाया गया है जो कथित तौर पर पानी पर तैर सकती हैं।

·         एक शिलालेख के अनुसार मंदिर के निर्माण की तिथि माघ माह की अष्टमी (12 जनवरी, 1214) शक-संवत 1135 है।

·      मंदिर परिसरों से लेकर प्रवेश द्वारों तक काकतीयों (Kakatiya) की विशिष्ट शैली, जो इस क्षेत्र के लिये अद्वितीय है, दक्षिण भारत में मंदिर और शहर के प्रवेश द्वारों में सौंदर्यशास्त्र के अत्यधिक विकसित स्वरूप की पुष्टि करती है।

·       यूरोपीय व्यापारी और यात्री मंदिर की सुंदरता से मंत्रमुग्ध थे तथा ऐसे ही एक यात्री ने उल्लेख किया था की मंदिर दक्कन के मध्ययुगीन मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकीला ताराथा।

       भारत का 40वाँ विश्व धरोहर स्थल: धोलावीरा सभ्यता

·       धोलावीरा भारत में हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे प्रमुख पुरातात्विक स्थलों में से एक है, जो गुजरात के कच्छ जिले की भचाऊ तालुका के खदिरबेट में स्थित है।

·         धौलावीरा स्थल की खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जेपी जोशी ने 1967-68 में की थी।

·         यह स्थल कच्छ के रण में स्थित नमक के विशाल मैदानों से घिरा है और इसमें प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर भी शामिल हैं।

·         यहां 3500 ई.पू. से लोग बसना आरम्भ हो गए थे और फिर लगातार 1800 ई.पू. तक आबादी बनी रही।

·         धोलावीरा पांच हजार साल पहले विश्व के सबसे व्यस्त महानगर में गिना जाता था।

·         यह दक्षिण एशिया में बहुत कम संरक्षित शहरी बस्तियों में से एक है, जो तीसरी से दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व की है।

       44 वाँ सत्र

·         विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र की अध्यक्षता चीन में फुझोऊ से की जा रही है और यह ऑनलाइन किया जा रहा है। यह 16 जुलाई को शुरू हुआ था और 31 जुलाई को संपन्न होगा

       यूनेस्को

·     संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (UNESCO), संयुक्त राष्ट्र (United Nation- UN) की एक विशेष एजेंसी है।

·      यह संगठन शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का  प्रयास करता है। 

·      भारत वर्ष 1946 में यूनेस्को में शामिल हुआ था।

·         UNESCO के वर्तमान में अध्यक्ष आंद्रे अजोले है। 

·      इसका मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में है।

       विश्व धरोहर सूची में शामिल देश की सूची

·     भारत (40) के अलावा फ्रांस (47), जर्मनी (49), स्पेन (49), चीन (56) और इटली (57) ही ऐसे अन्य देश हैं जिनके पास 40 या अधिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं।

क्र.सं.

देश

विश्व धरोहर सूची में शामिल स्थलों की संख्या  

1

अफगानिस्तान (Afghanistan)

02

2

अल्बानिया (Albania)

04

3

अलजीरिया (Algeria)

07

4

एंडोरा (Andorra)

02

5

एण्टिगूआ एवं बारबूडा (Antigua and Barbuda)

01

6

अर्जेन्टीना (Argentina)

11

7

अर्मेनिया (Armenia)

03

8

ऑस्ट्रेलिया (Australia)

20

9

ऑस्ट्रिया (Austria)

11

10

अजरबेजान (Azerbaijan)

03

11

बेहरीन (Bahrain)

03

12

बाँग्लादेश (Bangladesh)

03

13

बार्बाडोस (Barbados)

01

14

बेलारूस (Belarus)

04

15

बेल्जियम (Belgium)

14

16

बेलीज (belizy)

01

17

बेनिन (Benin)

02

18

बेलिविया (Bolivia)

07

19

बेस्निया हर्जेगोविना (Bosnia and Herzegovina)

03

20

बोत्स्वाना (Botswanan)

02

21

ब्राजील (Brazil)

22

22

बुल्गारिया (Bulgaria)

10

23

बुर्किना-फासो (Burkina Faso)

03

24

केप वर्दे (Cabo Verde)

01

25

कम्बोडिया (Cambodia)

03

26

कैमरून (Cameroon)

02

27

कनाडा (Canada)

20

28

मध्य अफ्रीकी गणराज्य (Central African Republic)

02

29

चाड (Chad)

02

30

चिली (Chile)

06

31

चीन (China)

56

32

कोलम्बिया (Colombia)

09

33

कोंगो (Congo)

01

34

कोस्टा-रीका (Costa Rice)

04

35

कोत दिव्वार (Cote D’lovire)

04

36

क्रोशिमा (Croatia)

10

37

क्यूबा (Cuba)

09

38

साइप्रस (Cyprus)

03

39

चेकिया (Czechia)

15

40

नॉर्थ कोरिया (North Korea)

02

41

कोंगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of the Congo)

05

42

डेनमार्क (Denmark)

10

43

डोमिनिका (Dominica)

01

44

डोमिनकल रिपब्लिक (Dominica Republic)

01

45

इक्वेडोर (Ecuador)

05

46

इजिप्ट (Egypt)

07

47

एल-सिल्वेडोर (El Salvador)

01

48

इरित्रिया (Eritrea)

01

49

एस्तोनिया(Estonia)

02

50

इथोपिया (Ethiopia)

09

51

फिजी (Fiji)

01

52

फिनलैण्ड (Finland)

07

53

फ्रांस (France)

47

54

गैबान (Gabon)

01

55

जाम्बिया (Gambia)

02

56

जॉर्जिया (Georgia)

03

57

जर्मनी (Germany)

49

58

घाना (Ghana)

02

59

ग्रीस (Greece)

18

60

ग्वाटेमाला (Guatemala)

03

61

गिनी (Guinea)

01

62

हैती (Haiti)

01

63

होली-सी (Holy See)

02

64

होंडुरास (Honduras)

02

65

हंगरी (Hungary)

08

66

आइसलैंड (Iceland)

03

67

भारत (India)

40

68

इंडोनेशिया (Indonesia)

09

69

ईरान (Iran)

25

70

इराक (Iraq)

06

71

आयरलैंड (Ireland)

02

72

इजरायल (Israel)

09

73

इटली (Italy)

57

74

जमैका (Jamaica)

01

75

जापान (Japan)

23

76

जेरूसलैम  (Jerusalem)

01

77

जॉर्डन  (Jordan)

05

78

कजाखस्तान  (Kazakhstan)

05

79

केन्या  (Kenya)

07

80

किरीबाती  (Kribati)

01

81

किर्गिस्तान  (Kyrgyzstan)

03

82

लाओस  (Lao People’s)

03

83

लातविमा  (Latvia)

02

84

लेबनान  (Labanon)

05

85

लेसोथो  (Lesotho)

01

86

लीबिया  (Libya)

05

87

लिथुआनिया  (Lithuania)

04

88

लेग्जम्बर्ग  (Luxembourg)

01

89

मेडागास्कर  (Madagascar)

03

90

मलावी  (Malawi)

02

91

मलेशिया  (Malaysia)

04

92

माली  (Mali)

04

93

माल्टा  (Malta)

03

94

मार्शल द्वीप समूह  (Marshall Islands)

01

95

मारिटानिया  (Mauritania)

02

96

मारीशस  (Mauritius)

02

97

मैक्सिको  (Mexico)

35

98

माइक्रोनिशिया  (Micronesia)

01

99

मंगोलिया  (Mongolia)

05

100

माण्टेनिग्रो  (Montenegro)

04

101

मोरक्को  (Morocco)

09

102

मोजाम्बीक  (Mozambique)

01

103

म्यान्मार  (Myanmar)

02

104

नामिबिया  (Namibia)

02

105

नेपाल  (Nepal)

04

106

नीदरलैंड  (Niterlands)

10

107

न्यूजीलैंड  (New Zealand)

03

108

निकारागुआ  (Nicaragua)

02

109

नाइजर  (Niger)

03

110

नाइजीरिया  (Nigeria)

02

111

उत्तरी मेसेडोनिया  (North Macedonia)

01

112

नार्वे  (Norway)

08

113

ओमान  (Oman)

06

114

पाकिस्तान  (Pakisthan)

06

115

पालाऊ  (Palau)

01

116

फिलिस्तीन  (Palestine)

03

117

पनामा  (Panama)

08

118

पापुआ न्यू-गिनी  (Papua New Guinea)

01

119

पराग्वे  (Paraguay)

01

120

पेरु  (Peru)

12

121

फिलीपींस  (Philippines)

06

122

पोलैंड  (Poland)

16

123

पुर्तगाल  (Portugal)

17

124

कतर  (Qatar)

01

125

दक्षिण कोरिया  (South Korea)

14

126

मोल्दोवा गणराज्य  (Republic of Moldova)

01

127

रोमानिया  (Romania)

08

128

रूस  (Russian)

29

129

सेंट किट्टस एंड नेविस  (Saint Kitts and Nevis)

01

130

सेंट लूसिया  (Saint Lucia)

01

131

सेंट मारियो  (San Marino)

01

132

सऊदी अरब  (Saudi Arabia)

06

133

सिनेगल  (Senegal)

07

134

सर्बिया  (Serbia)

05

135

सैशेल्स  (Seychelles)

02

136

सिंगापोर  (Singapore)

01

137

स्लोवाकिया  (Slovakia)

07

138

सोलोमन दीप समूह  (Solomon Island)

01

139

दक्षिण अफ्रीका  (South Africa)

10

140

स्पेन  (Spain)

49

141

श्रीलंका  (Sri Lanka)

08

142

सूडान  (Sudan)

03

143

सुरिनाम  (Suriname)

02

144

स्वीडन  (Sweden)

15

145

स्वीटजरलैंड  (Switzerland)

12

146

सीरिया  (Syrian)

06

147

ताजिकिस्तान  (Tajikistan)

02

148

थाईलैंड  (Thailand)

05

149

टोगो  (Togo)

01

150

ट्यूनीशिया  (Tunisia)

08

151

तुर्की  (Turkey)

18

152

तुर्कमेनिस्तान  (Turkmenistan)

03

153

यूगांडा  (Uganda)

03

154

यूक्रेन  (Ukraine)

07

155

संयुक्त अरब अमीरात  (United Arab Emirates)

01

156

यूनाइटेड किंग्डम  (United Kingdom of Great Britain and Northen Ireland)

33

157

तंजानिया  (Tanzania)

07

158

अमेरिका  (America)

24

159

उरूग्वे  (Uruguay)

02

160

उज़्बेकिस्तान  (Uzbekistan)

05

161

वानूआतू  (Vanuatu)

01

162

वेनेज़ुएला  (Venezuela)

03

163

वियतनाम  (Vietnam)

08

164

यमन  (Yeman)

04

165

जाम्बीया  (Zambia)

01

166

जिंबाब्वे  (Zimbabwe)

05

167

स्लोविनिया (Slovenia)

04

 

     विश्व धरोहर सूची में शामिल भारत के धरोहर

·      भारत में अब कुल 40 विश्व धरोहर संपत्तियां हैं, जिनमें 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित संपत्ति शामिल है।

(1)       खजुराहो के स्मारकों का समूह -:

·         खजुराहो, प्राचीन खरज्‍जुरावाहक मध्‍य प्रदेश राज्‍य में स्थित है।

·         खजुराहो के मंदिर अपनी वास्‍तुकलात्‍मक कला के लिए विश्‍वविख्‍यात है।

·        खजुराहो के स्मारकों का समूह, कई मंदिरो का एक समूह है। जिसको चंदेल शासकों ने लगभग 900 . और 1130 . के बीच निर्माण करवाया था।  

·     चंदेल शासकों ने यहां अनेकों तालाबों, शिल्‍पकला की भव्‍यता और वास्‍तुकलात्‍मक सुंदरता से सजे विशालकाय मंदिर बनवाए।

·         खजुराहो के स्मारकों के समूह को वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।

(2)       सांची का बौद्ध स्तूप -:

·         सांची का स्तूप मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के सांची में स्थित है।

·      सांची, जिसे काकानाया, काकानावा, काकानाडाबोटा तथा बोटा श्री पर्वत के नाम से प्राचीन समय में जाना जाता था।

·         यह ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक महत्‍व वाला एक धार्मिक स्‍थान है।  

·       सांची के स्‍तूप अपने प्रवेश द्वारा के लिए उल्‍लेखनीय है, इनमें बुद्ध के जीवन से ली गई घटनाओं और उनके पिछले जन्‍म की बातों का सजावटी चित्रण है।

·         महान सम्राट अशोक ने सांची स्तूप का निर्माण करवाया था।

·         यूनेस्को ने वर्ष 1989 में सांची के स्तूप को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया।

(3)       भीमबेटका पाषाण आश्रय -:

·         भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में हैं।

·         ये पाषाणी आश्रय मध्य भारतीय पठार के दक्षिणी छोर पर विंध्य पर्वतमाला के तलहटी में हैं।

·         डॉ. वी.एस. वाकाणकर (प्रख्यात पुरातत्वविदों में से एक), ने 1958 में इन गुफाओं की खोज की थी।

·         'भीमबेटका' शब्द, 'भीम बाटिका' से बना है।

·         इन गुफाओं का नाम महाभारत के पांच पांडवों में से एक 'भीम' के नाम पर रखा गया है।

·         भीमबेटका का अर्थ हैभीम के बैठने का स्थान।

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 2003 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। 

(4)       आगरा का किला -:

·         यह उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है।

·         यह 1638 तक मुगल राजवंश के सम्राटों का मुख्य निवास था, जब राजधानी आगरा से दिल्ली चली गई थी। 

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(5)       ताज महल -:

·         ताज महल भारत में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है।

·       मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में वर्ष 1632-1653 के बीच इसका निर्माण कराया था।

·         यूनेस्को नें वर्ष 1983 में इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।

(6)       फतेहपुर सीकरी -:

·      16 वीं सदी में मुगल सम्राट अकबर ने उत्तर प्रदेश के आगरा के पास फतेहपुर सीकरी में अपनी राजधानी का निर्माण कराया था।

·         यूनेस्को ने फतेहपुर सीकरी को वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था।

(7)       केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान -:

·      केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर में स्थित है। इसको भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है।

·       इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में जोड़ा गया था।

(8)       राजस्थान के पहाड़ी किले -:

·    राजस्थान के पहाड़ी किले में छह किले चितौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर, जैसलमेर और गागरोन हैं। यूनेस्को ने इनको वर्ष 2013 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

1.    चित्तौड़गढ़ किला -: 

­      चितौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण चिंत्रागंद मौर्य (मौर्य राजा) प्रसिद्ध ग्रंथ ‘वीर विनोद’ के अनुसार।

­      चितौड़गढ़ का दुर्ग गंभीरी और बेड़च नदियों के संगम पर स्थित है।

­      यह दुर्ग राजस्थान के किलों में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा दुर्ग है। (क्षेत्रफल 28 वर्ग किमी.)

­      इस दुर्ग का आकार व्हेलमच्छली के समान है।

­      यह दुर्ग राजस्थान का प्रथम सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है।

­      इस दुर्ग को राजस्थान का गौरव, गढ़ों का सिरमौर, चित्रकूट, दुर्गाधिराज।

2.    कुम्भलगढ़ किला -: 

­      इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने मौर्य शासक सम्प्रति द्वारा निर्मित एक प्राचीन दुर्ग के ध्वंसावशेषों पर शिल्पी मण्डन की देखरेख में करवाया था।

­      इस दुर्ग के अन्य नाम – मेवाड़ की तीसरी आँख, मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी, कमलवीर इत्यादि।

­      कुंभलगढ़ दुर्ग की दीवार 36 किमी. लम्बे परकोटे से सुरक्षित है।

3.    रणथंभौर किला -: 

­      यह दुर्ग सवाई माधोपुर जिले में अरावली पर्वतमालाओं से घिरा हुआ गिरि व वन दुर्ग है।

­      इस दुर्ग का निर्माण 8वीं शताब्दी में चौहान शासकों द्वारा करवाया गया था।

­      राजस्थान का पहला साका 1301 ई. में हम्मीर देव चौहान के समय इसी दुर्ग में हुआ था।

4.    आमेर किला -: 

­      यह दुर्ग जयपुर नगर से उत्तर की ओर 11 किमी. दूर स्थित गिरी दुर्ग है।

­      कोकीलदेव ने 1036 ई. में आमेर के मीणा शासक भुट्टों से छीन लिया था।

­      इस दुर्ग का पुन:निर्माण राजा मानसिंह-प्रथम ने करवाया था।

5.    जैसलमेर किला -: 

­      इस दुर्ग का निर्माण भाटी वंश के शासक राव जैसल द्वारा त्रिकूट पहाड़ी पर 1155 ई. में करवाया गया।

­      इस दुर्ग के अन्य नाम – सोनगढ़, गौहरारगढ़, त्रिकूटगढ़ एवं उत्तर भड़ किवाड़ इत्यादि।

­      यह दुर्ग राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है।

6.    गागरोन किला -: 

­      इस दुर्ग का निर्माण परमार शासकों द्वारा 11वीं सदी में करवाया गया था।

­      यह दुर्ग सामेलणी झालावाड़ में स्थित है।

­      इस दुर्ग के अन्य नाम – धूलरगढ़, डोडगढ़, गर्गराटपुर आदि है।

­      इस दुर्ग में खुरासान से गागरोण आये सूफी संत मीट्ठे साहब की दरगाह तथा औरंगजेब द्वारा निर्मित बुलंद दरवाजा भी स्थित है।

­      इस दुर्ग में संत पीपा की छतरी भी स्थित है।

(9)       जंतरमंतर -:

·         राजस्थान के जयपुर में स्थित जंतर मंतर का निर्माण राजा सवाई जय सिंह-द्वितीय द्वारा करवाया था।

·     जंतर-मंतर को 18वीं शताब्दी की शुरुआत में खगोलीय स्थितियों के अवलोकन के लिये बनाया गया था। सटीक अवलोकन करने के लिये इस साइट में 20 मुख्य उपकरणों का एक सेट स्थापित किया गया था।

·         यह भारतीयों द्वारा मुगल काल में पुनर्जीवित खगोलीय कौशल और ज्ञान की अभिव्यक्ति को दर्शाता है।

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 2010 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(10)  जयपुर -:

·         जयपुर नगर (चहारदिवारी वाला नगर) की स्थापना वर्ष 1727 में सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी।

·       नगर की सड़कों के ओर उपनिवेश काल से ही व्यवसाय की सुविधा है। ये सड़कें बड़े चौराहों जिन्हें चौपड़ कहा      जाता है, पर एक-दूसरे से मिलती हैं।

·         नगर की योजना में प्राचीन हिंदू, मुगल और पश्चिमी देशों के तत्त्वों का प्रयोग किया गया है।

·         गुलाबी शहर जयपुर को जुलाई 2019 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।

(11)  अजंता की गुफाएं -:

·       अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में रॉक-कट  गुफाओं की एक श्रृंखला के रूप में स्थित हैं।

·         इसमें कुल 29 गुफाएँ (सभी बौद्ध) हैं, जिनमें से 25 को विहार या आवासीय गुफाओं के रूप में जबकि 4 को चैत्य या प्रार्थना हॉल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।

·      अजंता की गुफाओं की जानकारी चीनी बौद्ध यात्रियों फ़ाहियान (चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल के दौरान 380- 415 ईस्वी) और ह्वेन त्सांग (सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान 606 - 647 ईस्वी) के यात्रा वृतांतों में पाई जाती है।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया गया था।

(12)  एलोरा की गुफाएं -:

·         ये गुफाएँ महाराष्ट्र की सह्याद्रि पर्वतमाला में अजंता की गुफाओं से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित हैं।

·         यहाँ 34 गुफाओं का एक समूह है, जिनमें 17 ब्राह्मण, 12 बौद्ध और 5 जैन धर्म से संबंधित हैं।

·      एलोरा की गुफाओं के मंदिरों में सबसे उल्लेखनीय कैलासा (कैलासनाथ; गुफा संख्या 16) है, जिसका नाम हिमालय के कैलास पर्वत (हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का निवास स्थान) के नाम पर रखा गया है।

·         इसको यूनेस्को ने वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(13)  एलिफेंटा की गुफाएं -:

·         एलीफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र में एलीफेंटा द्वीप में स्थित है।

·         इन गुफाओं को 5 वीं और 8 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया है। मुख्य गुफा, भगवान शिव को समर्पित है।

·         एलिफेंटा की गुफाएं 7 गुफाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्‍वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफा है।

·     इस गुफा में शिल्‍प कला के कक्षो में अर्धनारीश्‍वर, कल्‍याण सुंदर शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की उल्‍लेखनीय छवियां दिखाई गई हैं।

·          यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(14)  छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (विक्टोरिया टर्मिनस) -:

·         महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है।

·         इस रेलवे स्टेशन को सन् 1887 में विक्टोरियन इटालियन गॉथिक रिवाइवल आर्किटेक्चर के साथ बनाया गया है।

·         यूनेस्को ने इस स्टेशन को वर्ष 2004 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(15)  विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको -:

·     महाराष्ट्र में मुंबई शहर की विक्टोरियन गोथिकऔर आर्ट डेको’11वीं सदी के विक्टोरियन नियो गोथिक      सार्वजनिक भवनों और 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों का एक संग्रह है।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 2018 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।

(16)  हुमायूं का मकबरा -:

·         दिल्ली स्थित हुमायूँ का मकबरा महान मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है।

·         इस मकबरे का निर्माण वर्ष 1570 में हुआ था। यह मकबरा विशेष सांस्कृतिक महत्त्व का है क्योंकि यह भारतीय उपमहाद्वीप का पहला उद्यान-मकबरा था

·         इसका निर्माण हुमायूँ के पुत्र महान सम्राट अकबर के संरक्षण में किया गया था।

·        इसे 'मुगलों का शयनागार' भी कहा जाता है क्योंकि इसके कक्षों में 150 से अधिक मुगल परिवार के सदस्य दबे हुए हैं।

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(17)  कुतुब मीनार -:

·    दिल्‍ली के अंतिम हिन्‍दू शासक की पराजय के तत्‍काल बाद 1193 में कुतुबुद्धीन ऐबक द्वारा इसे 73 मीटर ऊंची विजय मीनार के रूप में निर्मित कराया गया।

·         इस इमारत की पांच मंजिलें हैं। प्रत्‍येक मंजिल में एक बालकनी है

·     पहली तीन मंजिलें लाल बलुआ पत्‍थर से निर्मित है और चौथी तथा पांचवीं मंजिलें मार्बल और बलुआ पत्‍थरों से निर्मित हैं। 

·         यूनेस्को ने क़ुतुब मीनार को वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(18)  लाल किला -:

·         लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने करवाया था।

·          यूनेस्को ने इस किले को वर्ष 2007 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(19)  चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान -:

·         पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, भारत के गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है।

·         यह उद्यान गुजरात के सुल्तान महमूद बेगदा द्वारा बनाए गए ऐतिहासिक शहर चंपानेर के पास है।

·        पावागढ़ की पहाड़ी लालपीले रंग के चट्टानों से बनी है जो भारत की सबसे पुरानी चट्टानों में से एक है। यह पहाड़ समुद्र तल से करीब 800 मीटर ऊंचा है।

·     यूनेस्को ने वर्ष 2004 में गुजरात के चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान (आर्कियोलॉजिकल पार्क) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(20)  रानी की वाव (रानी की बावड़ी) -:

·         गुजरात के पाटन जिले में स्थित रानी की वाव जल संरक्षण की प्राचीन परंपरा का अनूठा उदाहरण है।

·     इस बावड़ी का निर्माण वर्ष 1063 में सोलंकी शासक के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी   उदयामति द्वारा करवाया गया था।

·         सरस्वती नदी के तट पर बनी 7 तलों की यह वाव 64 मीटर लंबी, 20 मीटर चौड़ी तथा 27 मीटर गहरी है। इस वाव में 30 किलोमीटर लंबी रहस्यमयी सुरंग भी है जो पाटन के सिद्धपुर में जाकर निकलती है।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(21)  अहमदाबाद -:

·         गुजरात में स्थित अहमदाबाद शहर एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और स्थापत्य कला की विरासत शहर है।

·         यह भारत का पहला शहर है, जो विश्व विरासत स्थल में शामिल हुआ है।

·         इस ऐतिहासिक शहर को यूनेस्को ने वर्ष 2017 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया।  

(22)  महाबोधि मंदिर परिसर -:

·         बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था।

·         प्रसिद्ध बोधि वृक्ष इसी मंदिर परिसर के अंदर स्थित है जहाँ महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था।

·         यूनेस्को नें इसे वर्ष 2002 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(23)  नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय) -:

·         नालंदा भारत के बिहार राज्य में स्थित है।

·         गुप्त साम्राज्य के दौरान, नालंदा का विकास हुआ था।

·         5 वीं से 12 वीं शताब्दी के मध्य नालंदा महाविहार बौद्ध शिक्षा की प्राप्ति का एक महानतम स्थान था।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 2016 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(24)  हंपी में स्मारकों का समूह -:

·         चौदहवीं शताब्‍दी के दौरान मध्‍यकालीन भारत के महानतम साम्राज्‍यों में से एक विजयनगर साम्राज्‍य की राजधानी हम्‍पी कर्नाटक राज्‍य में स्थित है।

·         इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का ने वर्ष 1336 में की थी।

·         हम्पी, उत्तर में तुंगभद्रा नदी और अन्‍य तीन ओर से पथरीले ग्रेनाइट के पहाड़ों से घिरा हुआ है।

·         हंपी में स्मारकों के समूह में अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य विजयनगर की राजधानी के अवशेष प्राप्त होते है।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(25)  पट्टकल के स्मारकों का समूह -:

·         यह कर्नाटक में मलप्रभा नदी के पास स्थित है।

·         पट्टकल के स्मारकों का समूह का निर्माण चालुक्य वंश के दौरान 7वीं और 8वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था।

·      कर्नाटक के दक्षिण राज्‍य में स्थित, स्‍मारकों का पट्टा डक्‍कल समूह उत्तरी तथा दक्षिणी भारत के वास्‍तुकलात्‍मक   रूपों का सुम्‍मेलित मिश्रण दर्शाने के लिए प्रसिद्ध है।

·      यह प्रसिद्ध विश्‍व विरासत स्‍थल 10 बड़े मंदिरों का समूह है, जिनमें से प्रत्‍येक में रोचक वास्‍तुकलात्‍मक विशेषताएं हैं।

·         यूनेस्को ने इस स्थान को वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। 

(26)  मानस वन्यजीव अभयारण्य -:

·    अद्वितीय जैव विविधता और परिदृश्य से भरा मानस नेशनल पार्क, असम राज्य में भूटान-हिमालय की तलहटी में स्थित है।

·   यह वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) के तहत बाघ अभयारण्यों के नेटवर्क में शामिल होने वाले प्राथमिक अभयारण्यों में से एक है।

·    वर्ष 1989 में इसे बायोस्फीयर रिज़र्व (Biosphere Reserve) तथा वर्ष 1990 में नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया।

·      इसको यूनेस्को ने वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। 

(27)  काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान -:

·         काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम राज्य में स्थित है।

·         यह राष्ट्रीय उद्यान भारतीय गैंडे ( एक सींग वाले गैंडे ) के लिए प्रसिद्ध है।

·         विश्व के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं ।

·    काजीरंगा में संरक्षण प्रयासों का अधिकांश ध्यान 'बड़ी चार' प्रजातियों- राइनो (Rhino), हाथी , रॉयल बंगाल टाइगर  और एशियाई जल भैंस पर केंद्रित है।

·         उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के बाद भारत में धारीदार बिल्लियों की तीसरी सबसे ज़्यादा जनसंख्या काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है ।

·         इसे 2006 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।

·         वर्ष 1985 में काजीरंगा राष्ट्रीय वन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया।

(28)  महाबलीपुरम के स्मारकों का समूह -:

·         महाबलिपुरम में स्मारकों का समूह तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है।

·         मामल्लपुरम जिसे महाबलीपुरम या सप्त पैगोडा भी कहा जाता है, एक शहर है जो चेन्नई से 60 किमी. दूर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित है।

·   इस शहर के धार्मिक केंद्रों की स्थापना 7वीं शताब्दी के हिंदू पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वारा की गई थी जिन्हें  मामल्ला के नाम से भी जाना जाता था, इनके नाम पर ही इस शहर का नाम रखा गया था।

·      यहाँ पर 7वीं-8वीं शताब्दी के पल्लव मंदिर और स्मारक हैं जिनमें मूर्तिकला, गुफा मंदिरों की एक श्रृंखला तथा समुद्र तट पर एक शिव मंदिर भी शामिल है।

·      शहर के स्मारकों में पाँच रथ, एकाश्म मंदिर, सात मंदिरों के अवशेष हैं, इसी कारण इस शहर को सप्त पैगोडा के रूप में जाना जाता था।

·         इन स्मारकों का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान पल्लव राजाओं द्वारा कराया गया था।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(29)  महान चोल मंदिर -:

·         महान चोल मंदिरों का निर्माण 11 वीं और 12 वीं शताब्दी के दौरान चोल वंश के राजाओं द्वारा किया गया था।

·         ये मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित हैं।

·        यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

·    यूनेस्को ने 1987 में बृहदीश्वर मन्दिर को विश्व धरोहर स्थल की सूची में सर्वप्रथम शामिल किया। फिर बाद में,  यूनेस्को द्वारा 2004 में गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया। 

(30)  सूर्य मंदिर कोणार्क -:

·         कोणार्क सूर्य मंदिर पूर्वी ओडिशा के पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है।

·      इसका निर्माण राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा 13वीं शताब्दी ((1238-1264 ) में किया गया था। यह गंग वंश के  वैभव, स्थापत्य, मज़बूती और स्थिरता के साथ-साथ ऐतिहासिक परिवेश का प्रतिनिधित्व भी करता है।

·         मंदिर को एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है। यह सूर्य भगवान को समर्पित है। इस अर्थ में यह सीधे        भौतिक रूप से ब्राह्मणवाद और तांत्रिक विश्वास प्रणालियों से जुड़ा हुआ है।

·         यह कलिंग वास्तुकला की उपलब्धि का सर्वोच्च बिंदु है जो अनुग्रह, खुशी और जीवन की लय को दर्शाता है।

·         सात घोड़ों को सप्ताह के सातों दिनों का प्रतीक माना जाता है।

·         समुद्री यात्रा करने वाले लोग एक समय में इसे 'ब्लैक पगोडा' कहते थे, क्योंकि ऐसा माना जाता था कि यह जहाज़ों को किनारे की ओर आकर्षित करता है और उनको नष्ट कर देता है।

·         यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(31)  गोवा के चर्च -:

·         इनका निर्माण भारत के गोवा राज्य में पुर्तगाली शासनकाल में हुआ था।

·      6वीं और 17वीं शताब्दी के बीच पुराने गोवा में व्यापक स्तर पर चर्चों और गिरजाघरों का निर्माण किया गया था, इनमें शामिल हैंबेसिलिका ऑफ बोम जीसस, सेंट कैथेड्रल, सेंट फ्रांसिस असीसी के चर्च और आश्रम, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोजरी, चर्च ऑफ सेंट. ऑगस्टीन और सेंट कैथरीन चैपल। 

·         इसको यूनेस्को ने वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(32)  सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान -:

·         सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है।

·         सुंदरवन का नाम यहां पाए जाने वाले सुंदरी नाम के वृक्ष की वजह से पड़ा है।

·         इसके मुख्य क्षेत्र को वर्ष 1973 में टाइगर रिज़र्व, वर्ष 1977 में वन्यजीव अभयारण्य तथा 4 मई, 1984 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।

·         यह उद्यान लगभग 1,355 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

·         यहाँ विश्व का सबसे बड़ा हेलोफाइटिक मैंग्रोव वन क्षेत्र स्थित है। 

·         यहाँ जीव-जंतुओं की लगभग 2,487 प्रजातियाँ हैं।

·     इस क्षेत्र में पाया जाने वाला प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर यहाँ की जलीय परिस्थितियों के अनुकूल है। यह रॉयल बंगाल टाइगर तैर भी सकता है। 

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। 

(33)  नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एवं फूलों की घाटी -:

·         यह भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की पहाड़ी पर स्थित है।

·         नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उच्च-तुगंता वाले पश्चिम हिमालयी क्षेत्र में अवस्थित है।

·         नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत नंदा देवी के 7,817 मीटर शिखर क्षेत्र में विस्तृत है।

·         फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में अल्पाइन फूलों तथा सुंदर घास के मैदान पाए जाते हैं।

·         1988 में यूनेस्को ने नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया। तथा फूलों की घाटी को 2005 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया।

(34)  भारत के पहाड़ी रेलवे -:

·         यूनेस्को ने भारत की तीन प्रमुख पर्वतीय रेलवे को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में शामिल किया।

·         ये तीन प्रमुख रेलवे दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका शिमला रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे हैं।

1.     दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे -: 

­      इस रेलवे को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रारम्भ किया था।

­      दार्जिलिंग भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है और यह रेलवे सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संचालित है।

­      दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को टॉय ट्रेनके नाम से भी जाना जाता है।

­      इसे 1999 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।

 

2.     नीलगिरी माउंटेन रेलवे -: 

­      यह एक सिंगल ट्रैक रेलवे है जो तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ियों पर स्थित है।

­      इसे 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।

3.     कालका शिमला रेलवे -: 

­      हिमाचल प्रदेश में स्थित इस पर्वतीय रेलवे को 1903 में शुरू किया गया था।

­      यह रेलवे कालका और शिमला के बीच चलती है।

­      इसे यूनेस्को द्वारा 2008 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।

 

(35)  पश्चिमी घाट -:

·         पश्चिमी घाट को सह्याद्री के नाम से भी जाना जाता है।

·         पश्चिमी घाट की सीमा गुजरात से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक फैली हुई है।

·         यूनेस्को ने 2012 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

(36)  ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान -:

·         यह भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लु जिले में स्थित है।

·         ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।

·         इस पार्क को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित किया गया है।

·         यूनेस्को ने इसे वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।

(37)  कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान -:

·         कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और जैवमंडल रिज़र्व है।

·         इस उद्यान का नाम कंचनजंगा पर्वत से लिया गया है, जो 8,586 मीटर लंबा (दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी) है। इस उद्यान का कुल क्षेत्रफल 849.5 वर्ग किमी. है।

·         इसे जुलाई 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था, जो भारत का पहला और एकमात्र ‘मिश्रित धरोहर’ स्थल है।

(38)  ली कार्बुज़ियर का वास्तुशिल्प कार्य (कैपिटल कॉम्प्लेक्स) -:

·         इस वास्तुकला के जन्मदाता एक प्रसिद्द स्विस-फ्रेंच आर्किटेक्ट ली कार्बूजियर (Le Corbusier) थे। 

·        इस वास्तुकला की धरोहर में 7 देशों में फैले 17 स्थल शामिल हैं, जिनमें आधुनिक स्थापत्य शैली की अभिव्यक्ति को देखा जाता है।

·    इस स्थापत्य कला द्वारा भीड़ भरे शहरों में लोगों को बेहतर आवासीय सुविधाएँ प्रदान करने के लिये इमारतों में अपार्टमेंट और मोड्यूलर डिज़ाइन की शुरुआत की गई थी।

·      ली कार्बूजियर ने चंडीगढ़ में कॉम्पलेक्स के अलावा गवर्मेंट म्यूजियम एवं आर्ट गैलरी, चंडीगढ़ आर्किटेक्चर कॉलेज  का भी डिज़ाइन तैयार किया है।

·      यूनेस्को ने 2016 में चंडीगढ़ में स्थित ली कार्बुज़ियर के वास्तुशिल्प कार्य को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया है।

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